NCTE B.Ed Course: B.Ed कोर्स हो गया बंद, अब शिक्षक बनने के लिए एक वर्ष का यह नया बीएड कोर्स करना जरूरी

NCTE B.Ed Course: नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने पारंपरिक दो वर्षीय बीएड कोर्स को बंद करने का निर्णय ले लिया है। इसके स्थान पर अब एक नया एक वर्षीय बीएड कोर्स शुरू किया जा रहा है, जो केवल उन्हीं छात्रों के लिए मान्य होगा जो पहले से किसी विषय में पोस्टग्रेजुएट हैं। यह निर्णय भारत में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता और व्यावसायिक दक्षता को बेहतर बनाने की दिशा में लिया गया एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

अब दो साल की बजाय एक साल में बनेगा शिक्षक

एनसीटीई ने साफ कर दिया है कि अब से बीएड कोर्स की अवधि दो वर्ष नहीं रहेगी। नए नियम के तहत एक वर्षीय बीएड कोर्स केवल उन्हीं विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा जिन्होंने स्नातकोत्तर (Postgraduate) स्तर पर किसी विषय में डिग्री प्राप्त की है। इसका मकसद यह है कि विषय में गहराई से समझ रखने वाले उम्मीदवारों को शिक्षण का अवसर मिले और वे बेहतर शिक्षण गुणवत्ता प्रदान कर सकें।

NCTE का बड़ा शैक्षणिक बदलाव

NCTE के इस फैसले से न सिर्फ बीएड की पढ़ाई का समय कम होगा, बल्कि इससे उन उम्मीदवारों को भी लाभ होगा जो पहले से उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं और शिक्षण में करियर बनाना चाहते हैं। इसके साथ ही NCTE ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नया बीएड कोर्स 2025 से लागू किया जाएगा और सभी राज्य सरकारें तथा संबंधित संस्थान इसे अपनाने के लिए बाध्य होंगे।

कौन कर सकता है यह एक वर्षीय बीएड कोर्स

यह कोर्स उन अभ्यर्थियों के लिए होगा जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी ने अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान जैसे किसी भी विषय में मास्टर डिग्री कर रखी है, तो वह इस कोर्स के लिए योग्य होगा। इसके लिए न्यूनतम 55% अंकों की आवश्यकता हो सकती है, हालाँकि इसकी अंतिम पुष्टि NCTE के विस्तृत गाइडलाइन में दी जाएगी।

शिक्षण संस्थानों के लिए नया सत्र और मान्यता की प्रक्रिया

एनसीटीई द्वारा जल्द ही सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को नए पाठ्यक्रम की जानकारी दी जाएगी और उन्हें इसे अपने संस्थान में लागू करने के निर्देश दिए जाएंगे। इसके लिए संस्थानों को नया सिलेबस तैयार करना होगा, फैकल्टी को ट्रेंड करना होगा और इन्फ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा करनी होगी।

भविष्य के शिक्षकों के लिए असर क्या होगा

इस नए निर्णय से बीएड की पढ़ाई में लगने वाला समय घटेगा, जिससे छात्र जल्दी नौकरी के लिए पात्र हो सकेंगे। इसके साथ ही केवल योग्य और विषय में दक्ष लोग ही शिक्षण के क्षेत्र में आएंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालाँकि, जो छात्र ग्रेजुएट स्तर पर हैं और पोस्टग्रेजुएशन नहीं किया है, उन्हें पहले पोस्टग्रेजुएट डिग्री लेनी होगी।

पुराना बीएड कोर्स अब नहीं चलेगा

NCTE के मुताबिक जो छात्र पहले से दो वर्षीय बीएड कोर्स में नामांकित हैं, वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं, लेकिन 2025 के बाद से कोई नया एडमिशन पुराने बीएड कोर्स में नहीं लिया जाएगा। इसके बाद से पूरे देश में केवल एक वर्षीय बीएड कोर्स ही मान्य होगा।

निष्कर्ष

NCTE का यह निर्णय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। इससे शिक्षण पेशे में गुणवत्ता बढ़ेगी, समय की बचत होगी और केवल वही लोग शिक्षक बनेंगे जो विषय में पारंगत हैं। यदि आप भी शिक्षक बनने की सोच रहे हैं, तो अभी से योजना बनाएं, अपनी पोस्टग्रेजुएट डिग्री पूरी करें और इस नए कोर्स के लिए खुद को तैयार करें।

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