जन्म के 7 दिन के अंदर मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र, सरकार ने लिया बड़ा फैसला | Birth Certificate New Rule 2025

अब जन्म प्रमाण पत्र के लिए नहीं करनी होगी लंबी भागदौड़, सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) जारी करने की प्रक्रिया को और तेज और सरल बना दिया है। नए नियमों के तहत अब किसी भी नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र सिर्फ 7 दिनों के अंदर जारी कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था देशभर में 1 अगस्त 2025 से लागू होगी।

कौन करेगा सर्टिफिकेट जारी

इस व्यवस्था के तहत जन्म प्रमाण पत्र संबंधित स्थानीय निकाय – नगर निगम, नगर पालिका या ग्राम पंचायत द्वारा डिजिटल रूप से जारी किया जाएगा। नए सिस्टम में अस्पताल से प्राप्त जन्म सूचना सीधे सरकारी पोर्टल पर अपलोड होगी और वहां से ऑटो-प्रोसेसिंग के जरिए प्रमाण पत्र जनरेट किया जाएगा।

क्या होगी प्रक्रिया

  1. बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जन्म की सूचना देगा
  2. संबंधित नगर निकाय उस सूचना की डिजिटल पुष्टि करेगा
  3. बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ के, 7 दिन के भीतर जन्म प्रमाण पत्र जनरेट होकर ईमेल या पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएगा
  4. अभिभावक चाहें तो डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं या प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी प्राप्त कर सकते हैं

क्या है बदलाव का मकसद

सरकार का उद्देश्य है कि डिजिटल इंडिया मिशन के तहत सभी नागरिक सेवाओं को सरल और समयबद्ध बनाया जाए। अभी तक जन्म प्रमाण पत्र पाने में कई बार हफ्तों या महीनों तक लग जाते थे, जिससे स्कूल एडमिशन, पासपोर्ट आवेदन और सरकारी योजनाओं में परेशानी होती थी।

किन राज्यों में पहले लागू होगी योजना

यह व्यवस्था पहले चरण में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में लागू की जा रही है। इसके बाद बाकी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चरणबद्ध तरीके से विस्तार किया जाएगा।

क्या मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट

हां, नया जन्म प्रमाण पत्र पूरी तरह QR कोड आधारित डिजिटल सर्टिफिकेट होगा, जिसे किसी भी सरकारी पोर्टल, बैंक या स्कूल द्वारा सत्यापित किया जा सकेगा। इसमें माता-पिता का नाम, जन्म स्थान, समय और अस्पताल की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित होगी।

अगर जन्म अस्पताल में नहीं हुआ तो?

यदि बच्चे का जन्म घर पर हुआ है, तो परिजन ग्राम सचिव या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, अस्पताल डिस्चार्ज स्लिप (यदि कोई हो) और माता-पिता की पहचान पत्र की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में यह बड़ा बदलाव आम लोगों के लिए राहत भरा है। अब समय पर प्रमाण पत्र मिलने से बच्चों के दस्तावेजों में देरी नहीं होगी और कई सरकारी सेवाओं का लाभ लेना आसान हो जाएगा। डिजिटल सुविधा के जरिए अब जन्म पंजीकरण भी पेपरलेस और ट्रैक करने योग्य हो गया है।

डिस्क्लेमर

यह लेख विभिन्न सरकारी स्रोतों और घोषणाओं पर आधारित है। नियमों की विस्तृत जानकारी के लिए अपने नगर निगम या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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