भारत में अगले साल शुरू होगी जनगणना, नागरिकों से पूछे जाएंगे ये सवाल | India Census 2026

2026 में शुरू होगी देश की सबसे बड़ी जनगणना प्रक्रिया, सरकार ने पुष्टि की है कि भारत की जनगणना 2026 में शुरू की जाएगी। कोविड-19 महामारी के कारण दो बार टली यह जनगणना अब देशभर में नए सिरे से की जाएगी। यह स्वतंत्र भारत की 16वीं और डिजिटल फॉर्मेट में पहली जनगणना होगी। इस बार की जनगणना सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें मोबाइल ऐप और ऑनलाइन फॉर्म का भी उपयोग किया जाएगा।

क्या है जनगणना और क्यों होती है जरूरी

जनगणना वह प्रक्रिया है जिसमें सरकार देश की कुल जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, रोजगार, शिक्षा, आवास, जाति, धर्म, लैंगिक अनुपात जैसे डेटा एकत्र करती है। यह आंकड़े नीतियां बनाने, संसाधनों के वितरण और सामाजिक योजनाओं की दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

इस बार जनगणना में पूछे जाएंगे ये अहम सवाल

जनगणना 2026 में नागरिकों से कई नए और पुराने सवाल पूछे जाएंगे। इनमें प्रमुख हैं — नाम, लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा स्तर, व्यवसाय, आय का स्रोत, मातृभाषा, धर्म, जाति, आवास की स्थिति, शौचालय और पेयजल की उपलब्धता, इंटरनेट और मोबाइल का उपयोग, दिव्यांगता की स्थिति, और हाल का प्रवास विवरण।

डिजिटल तरीके से होगी डेटा एंट्री

पहली बार जनगणना कर्मियों को मोबाइल टैब या ऐप-आधारित सिस्टम दिया जाएगा जिससे कागज़ की जगह सीधे डेटा ऑनलाइन भरा जाएगा। नागरिकों को self-enumeration यानी स्वयं डेटा भरने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके लिए सरकार एक सुरक्षित जनगणना पोर्टल लॉन्च करेगी जहां लोग OTP के ज़रिए लॉगिन कर अपने परिवार की जानकारी भर सकेंगे।

कौन कराएगा जनगणना

जनगणना का संचालन भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकारों के सहयोग से लाखों कर्मियों को नियुक्त किया जाएगा। उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि डेटा की गुणवत्ता, गोपनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

जनगणना से जुड़ी सुरक्षा और गोपनीयता

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनगणना में एकत्रित की जाने वाली सभी सूचनाएं पूरी तरह गोपनीय रहेंगी। कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। आंकड़े केवल सांख्यिकीय रूप में उपयोग होंगे और किसी भी नागरिक की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।

किन वर्गों पर होगा खास फोकस

इस बार सरकार का खास ध्यान दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, प्रवासी मज़दूर, झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोग, और डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों पर रहेगा। इन वर्गों से जुड़े आंकड़े आने वाले कल्याणकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने में मदद करेंगे।

निष्कर्ष

India Census 2026 सिर्फ एक आंकड़ा संग्रहण प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को दिशा देने वाली आधारशिला है। डिजिटल माध्यमों का समावेश इसे ज्यादा प्रभावी, तेज और पारदर्शी बनाएगा। नागरिकों की सहभागिता इस प्रक्रिया की सफलता की कुंजी होगी, और हर व्यक्ति का ईमानदारी से जानकारी देना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है।

डिस्क्लेमर

यह लेख जनगणना कार्यालय और सरकारी अधिसूचनाओं पर आधारित है। पूरी और आधिकारिक जानकारी के लिए https://censusindia.gov.in पर जाएं।

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